Thursday, May 14, 2020

शहर आवश्यकता नहीं सपने पूरा करता है

कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए सरकार पुरे देश में लॉक डाउन का फैसला लिया। पूरा देश सरकार की इस फैसले का सम्मान किया।  इस लॉक डाउन के कारन लाखों की संख्या में प्रवासी मजदुर जो अपना घर बार छोड़कर एक सपना लिए गए थे आज वही मजदुर अपने सपनो को कुचल कर घर वापसी के लिए मजबूर है। क्यों ? 
   मैं सरकार या किसी पॉलिटिकल पार्टी को दोषी नहीं मानता। लेकिन आप सिस्टम से जरूर पूछ सकते है?
एक घटना की मै जिक्र करना चाहूँगा जिसमे कुछ प्रवाशी मजदुर जिनका केवल ये सोचना गुनाह था कि भूखे मरने से बेहतर है अपने घर पैदल ही निकल जाना । ये उस आस में निकल गए की हम घर पहुंच जायेगे और कम से कम भूखे नहीं मरेंगे। पर क्या पता उन मासूमो को जिंदगी ऐसे छीन लेगी जैसे आगे से परोसा हुआ थाल। क्या पता उनकी आस में कितनी जिंदगी चल रही थी। उनको घर पहुंचाने के लिए हमारे सिस्टम के पास कोई  साधन नहीं था लेक़िन उनकी मांस की बोटिया चुनने केलिए  पूरा सिस्टम ही पँहुच गया। जी हाँ, हम बात कर रहे है महाराष्ट्र के औरंगाबाद की ट्रैन हादसे की।
                                  वो गांव इसलिए भाग रहे थे कि उन्हें भरोसा था की गांव उसे भूखा मरने नहीं देगा। गांव में गरीबी है लेकिन भुखमरी नहीं। शहर आवश्यकता नहीं सपने पूरा करता है। 
  आज वो मजदूर अपने सपने लिए हमेशा के लिए सो गए। 
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                                                                                                                     BY: AMANDEEP
                                                                                                                                                 THANK YOU

Wednesday, May 13, 2020

COVID-19

➤What is COVID-19?
COVID-19 is the infectious disease caused by the most recently discovered coronavirus. This new virus and disease were unknown before the outbreak began in wuhan, china. In december, 2019, COVID-19 is now a pandemic affecting many countries globally.

What is the symptoms of COVID-19?
➧The most common symptoms of COVID-19 are fever, dru cough and tiredness. Other symptoms that are less common and may affect some patients include aches and pains nasal, congestion, headachem conjunctives, sore throat, diarrhea, loss of taste or smell or a rash on skin or discoloration of fingers  or toes. These symptoms are usually mild and gradually. Some people become infacted but only have very mild symptoms. 
               Most people(about 80%) recover from the disease without needing hospital treatment. About 1 out of every 5 people who gets COVID-19 becomes seriously ill and develops difficulty breathing. Older people and those with underlying. 
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                                                                                        Thank you 
 

Monday, May 11, 2020

जिन्दगी आपकी फैसला आपका

17 मई का इंतज़ार ना करे 

सरकार एक निश्चित समय तक ही lockdown रख सकती है। धीरे -धीरे lockdown खत्म हो जायेगा सरकार भी इतनी सख्ती नहीं दिखाएगी क्योंकि 
     सरकार ने आपको कोरोना बीमारी से अवगत करा दिया है , social distancing, hand sanatization,etc.सब समझा दिया है।  बीमार होने के बाद की स्थिति भी आपलोग देख ही रहे है। अब जो समझदार है वह आगे लम्बे समय तक अपनी दिनचर्या , काम करने का तरीका समझ ले। 
    सरकार 365 दिन 24 घंटे आपकी चौकीदारी नहीं करेगी। आपके और आपके परिवार का भविष्य आपके हाथ में है।  
      lockdown खुलने के बाद सोच समझ कर अपने घर से निकले एवं अपने काम पर जाये एवं निर्धारित समय अनुसार ही अपने काम पर जाये। क्या लगता है ,17 मई के बाद एका -एक कोरोना चला जायेगा ,हम पहले की तरह जीवन जीने लगेंगे? नहीं , कदापि नहीं। 
                                                      ये वायरस अब हमारे देश में जड़े जमा चुका है। हमें इसके साथ रहना सीखना पड़ेगा। कैसे ?
   सरकार कब तक lockdown रखेगी ?कब तक बाहर निकलने में पाबन्दी रहेगी ?हमें खुद इस वायरस से लड़ना पड़ेगा ,अपनी जीवन शैली में बदलाव करके , अपनी इम्युनिटी स्ट्रॉंन्ग करके। हमें सैकड़ो  साल पुरानी जीवनशैली अपनानी पड़ेगी शुद्ध आहार ले , शुद्ध मसाले खाये। आंवला, एलोवेरा ,गिलोय ,काली मिर्च,लौंग इत्यादि पर निर्भर हो ,एन्टिबायोटिक्स के चंगुल से खुद को आज़ाद करें। अपने भोजन में पौष्टिक आहार की मात्रा बढ़ानी होगी, fast food, pizza, burger, cold drink भूल जाएँ। अपने बर्तन को बदलना होगा ,alluminium, steel etc. से भारी बर्तन जैसे पीतल, काँसा, तांबा को अपनाना होगा जो naturally वायरस भी खत्म करते हैं। अपने आहार में दूध, दही, घी की मात्रा बढ़ानी होगी। भुल जाये जीभ का स्वाद, तला ,भुना होटल वाला कचरा। कम से कम अगले 2 -3 साल तक तो ये करना ही पड़ेगा। तभी हम सरवाइव कर पाएगें। 
बाँकी 
      जिंदगी आपका फैसला आपक
                                                                                                                                            Thank you